रोवर्स/रेन्जर्स- |
रोवर्स/रेन्जर्स -
रोवर्स/रेंजर्स नवयुवकों के लिए एक स्वयं सेवी, गैर-राजनीतिक शैक्षिक आन्दोलन है जो
प्रत्येक व्यक्ति के लिए बिना किसी जाति, वंश तथा धर्म के भेद-भाव के खुला है। यह 1907
में संस्थापक लार्ड बैडेन पावेल द्वारा संचालित किये गये लक्ष्य सिद्धांत तथा पद्धति के अनुरूप
है।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों को सामाजिक उत्तरदायित्व की समझ, विपरीत
परिस्थितियों में कार्य करना, जनजागरूकता, राष्ट्र के प्रति संवेदनशील, धर्म, जाति, वर्ग लिंग
के परे होकर सेवा प्रदान करने की भावना जागृत करने के लिए रोवर्स/रेंजर्स इकाई की
स्थापना की गई है। प्रति वर्ष विशेष कैम्प लगाकर विद्यार्थियों को रोवर्स/रेंजर्स का प्रशिक्षण
दिया जाता है। प्रशिक्षणोपरान्त रोवर्स/रेंजर्स का सर्टिफिकेट दिया जाता है। महाविद्यालय में
2 यूनिट रोवर्स एवं 2 यूनिट रेंजर्स का गठन किया गया है।
- महाविद्यालय में प्रतिवर्ष महाविद्यालय के संस्थापक बाबूजी मोहनलाल वर्मा के जन्म दिवस 12 अक्टूबर से वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।
- महाविद्यालय में बाबू जी की पुण्यतिथि 09 जनवरी से खेल प्रतियोगिताएं (मुख्यतः क्रिकेट, खो-खो) आयोजित की जाती है।
रोवर्स/रेंजर्स का दूसरे के प्रति कर्तव्य -
- स्थानीय राष्ट्रीय, तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शान्ति, समझ और सहयोग की भावना से समन्वय रखते हुए अपने देश के प्रति वफादार होना।
- अपने साथियों की गरिमा तथा विश्व प्रति की अखण्डता के लिए अभिज्ञान तथा सम्मान के साथ समाज के विकास के भाग लेना।
उद्देश्य -
रोवर्स/रेंजर्स आन्दोलन का उद्देश्य नवयुवकों के विकास में इस तरह योगदान
करना है जिससे उनकी पूर्ण शारीरिक,भौतिक, सामाजिक, अध्यात्मिक तथा सांवेगिक अन्तः
शक्ति को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नागरिकों के रूप में यथा स्थानीय, राष्ट्रीय तथा
अन्तर्राष्ट्रीय समुदायों के रूप में प्राप्त किया जा सके।
रेंजर्स प्रभारी-
डॉ0 पुष्पारानी गंगवार
असिस्टेण्ट प्रोफेसर
भूगोल विभाग।
रोवर्स प्रभारी-
डॉ अरूण कुमार मौर्य
असिस्टेण्ट प्रोफेसर
भूगोल विभाग।
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